Friday, December 11, 2020

‘’पुलिस मुझे अपराध से जोड़कर, मेरे भविष्य को प्रभावित कर रही है’’

 

‘’पुलिस मुझे अपराध से जोड़कर, मेरे भविष्य को प्रभावित कर रही है’’

मेरा नाम आबिद शेख है मेरी उम्र लगभग 24 वर्ष है| मेरे पिता बदरुद्दीन है| मै छात्र हूँ| शिकोहाबाद के जे० एस० युनिवर्सिटी से एम०ए द्वितीय वर्ष की शिक्षा ले रहा हूँ| साथ ही साथ मै दिल्ली में नीट की तैयारी भी कर रहा हूँ| मै रानी बाजार, राजातालाब, थाना-रोहनिया, जिला- वाराणसी का मूल निवासी हूँ|

पुलिस मेरे भविष्य को बर्बाद करने में क्यों लगी है| यह बात मुझे आज तक समझ में नही आयी| नवम्बर के आखिरी हफ्ते में मै लखनऊ अपने रिश्तेदार के यहा शादी में शिरकत करने गया था| 28 नवम्बर 2020 को मेरे फोन की घंटी बजी मैंने फोन उठाया तो तेलियाबाग चौकी इंचार्ज थे| वह मुझे चौकी पर बुला रहे थे| मैने बोला सर क्या बात है| मेरा घर राजातालाब है| तेलियाबाग से मेरा कोई सम्बन्ध नही है| उस वक्त उन्होंने फोन रख दिया| लेकिन इसके बावजूद चौकी इंचार्ज ने कई बार धमकी भरे लहजे में फोन कर मुझे बुलाया| मै बार-बार उनसे यही गुजारिश करता सर मुझे वहा से कोई लेना देना नही है| पुलिस के बार-बार फोन से मै मानसिक दबाव में आ गया| मै शादी में शामिल जरूर था| लेकिन दिमाग में एक उलझन सी बनी हुई थी|

मुझे नही मालूम था कि मेरे न जाने पर तेलियाबाग चौकी की पुलिस मेरे पिता को प्रताड़ित करेगी| मै इन सब बातो से अंजान था| 30 नवम्बर 2020 को करीब साढ़े इग्यारह बजे फैंटम गाड़ी की दो पुलिस वर्दी में रंगिया महल तेलियाबाग गयी| वहा जाकर मेरे पिता के जूते की दुकान पर नोटिस चिपकाने के लिए जबरदस्ती सटर गिराने लगी| मेरे पिता ने जब नोटिस चिपकाने से मना किया| तो दोनों पुलिस वाले तांडव मचाते हुए आस पास के लोगो को जुटाकर मेरे पिता की बेइज्जती कर धमकी देने लगे| मेरे पिता इससे आहत होकर मुझे फोन किया| वह रो रहे थे | मैंने उनसे पूछा क्या हुआ आप इतने घबराये क्यों है| तो उन्होंने मुझे सारी बात बतायी| पिता की यह हालत देखकर मैंने उसी वक्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय को फ़ोनकर मदद मांगी | मैंने बोला साहब बेवजह पुलिस नोटिस चिपका रही है| इस पर एसएसपी साहब ने कहा बाद में फोन करना| वहा से कोई मदद न मिलने से मुझे बहुत तकलीफ हुई| उस वक्त मुझे समझ में नही आ रहा था क्या करू| फोन पर पिता की बेबसी देखकर मै पूरी तरह से टूट गया था| मैंने ऐसा क्या किया है पुलिस मेरे पीछे पड़ी है|

 आज ही नही लगभग एक वर्ष से बनारस शहर में कोई मंत्री या माननीय न्यायालय का कोई फैसला आता है| तो मेरी मुश्किलें बढ़ जाती है| मेरे फोन की घंटिया बजनी शुरू हो जाती है कभी रोहनिया थाने की पुलिस तो कभी चेतगंज थाना की पुलिस धमकी देते है| आ जाओ नही तो ठीक नही होगा| पुलिस की यह बात सुनकर मेरी घबराहट बढ़ जाती है| मै उनसे बार-बार कहता हूँ मै छात्र हूँ मै प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहा हूँ| मुझे इन सब से कोई लेना देना नही है| इसके बावजूद पुलिस मुझे मानसिक रूप से परेशान कर रही है| आज तक मुझ पर और परिवार के किसी सदस्य पर एक भी मुकदमा दर्ज नही है|

इसके बावजूद पुलिस दुकान पर जहा मै रहता भी नही हूँ वहा नोटिस चिपकाकर यह आरोप लगा रही है कि मै शांति भंग कर सकता हूँ| इस सम्बन्ध में मुझे 1 दिसम्बर 2020 को माननीय न्यायालय में पेश होकर डेढ़ लाख के मुचलके पर जमानत करवाना है| यह पढकर मुझे बहुत तकलीफ हुई| मैं छात्र हूँ समाज सेवा से जुड़कर लोगो की मदद करता हूँ| मैंने कोविड 19 के महामारी के समय में बहुत लोगो की मदद की| प्रवासी मजदूरों की जरूरत की चीजे और भूखो को राशन मुहैया कराया| मुझे प्रशासन ने इस बात के लिए कोरोना वारियर्स का सर्टिफिकेट भी दिया |इस तरह के काम से शांति भंग होती है|तो मैंने यह काम किया है इससे मुझे कोई अफ़सोस नही है|

मै और मेरा परिवार पुलिस के इस बर्ताव से दुखी है| हर वक्त एक अंजाना भय बना हुआ है| रात भर इसी फ़िक्र में नीद नही आती है| पुलिस मुझे अपराध से जोड़कर मेरे भविष्य को प्रभावित कर रही है| 

मै चाहता हूँ को प्रशासन द्वारा मुझ पर जो भी आरोप लगाये जा रहे है वह बेबुनियाद है| उन आरोपों से मुझे बरी किया जाय जिससे मेरे और परिवार के साथ न्याय हो सके|