Tuesday, September 29, 2015

Solutions against extremism through pluralism, Lenin Raghuvanshi





Lenin Raghuvanshi is speaking in the second Global Tolerance Forum 2015 "Solutions
against extremism through pluralism".Please listen speech in follows
link:




‘Banaras Convention’ for a comprehensive, medley, plural and inclusive culture: 



It
is noted that in this program along with me Ms. Helle Merete Brix​, a
journalist, author and lecturer, Mr. Kjell Magne Bondevik, a president
of the Oslo Center for Peace and Human Rights and Ex- Prime Minister of
Norway, Mr. Suleman Nagdi​, Loretta Napoleoni, an Italian journalist and
political analyst, Haras Rafiq, Shanthikumar Hettiarachchi​, Tino
Sanandaji, a Kurdish economist, Iyad El-Baghdadi, a writer, human rights
activist and Maryam Faghihimani were the key speakers.

Please read follows links:

#drammen #tolerance #varanasi #kashi #modi #RG #india #pluralism 

Saturday, September 19, 2015

Change is Possible: We can



Elimination of culture of silence, fear and phobia of locust effect of organized violence and torture is main predominant factor of resilience to inculcate social transformation which contributes in poverty elimination. Story of Sarai and Sakara villages are classical example.

https://www.saddahaq.com/resilience-and-coping-in-model-process-against-torture

http://www.pvchr.net/2015/09/change-is-possible-we-can.html

http://www.andyvc.com/the-dark-site-of-india/

Wednesday, September 2, 2015

उत्तर प्रदेश के जेल की दशा



उत्तर प्रदेश के जेल की दशा
जेल संसथान आपराधिक न्याय प्रणाली के तीन मुख्य घटकों में से एक हैं | हाल के दिनों में कैदियों के प्रति सामाजिक धारणा में काफी बदलाव आया है | जेल आज केवल सजा के स्थल के रूप में नहीं माना जाता है | अब ये सुधार गृह  के रूप में माना जा रहा है और अधिक से अधिक ध्यान जेलों में स्थिति सुधारने के लिए दिया जा रहा है, ताकि जीवन और समाज के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण को विकसित करने में कैदियों पर एक स्वस्थ प्रभाव पड़े | इसका मुख्य उद्देश्य जेल से उनकी रिहाई के बाद समाज में कैदियों को एकीकृत करने के लिए है | जेल और उसके प्रशासन राज्य का विषय है जो भारत के संविधान की अनुसूची सातवीं में सूची II  मद 4 के अन्तर्गत आता है | विभिन्न राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों में जेल प्रतिष्ठानों जेलों के कई स्तरों शामिल है | केंद्रीय जेलों, जिला जेलों और उप जेलों को राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों में सबसे आम है और मानक जेल संस्थानों के रूप में जाना जाता है | अन्य प्रकार के जेल के रूप में महिला जेल, जेलों, बोर्स्टल (किशोर सुधार) स्कूलों,  खुली जेलों और विशेष जेलों के रूप में जानी जाती है |
मानवाधिकार जननिगरानी समिति/जनमित्र न्यास द्वारा उत्तर प्रदेश के विभिन्न कारागार से बंदियों व कारागार की स्थिति के विषय में जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त सूचना के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की जा रही है |
उत्तर प्रदेश के सभी जिला जेलों की स्थिति :
उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले है और कुल कारागार की संख्या 66 है | वर्त्तमान समय में इन 66 कारागारो में 8428 बंदियों को रखने की क्षमता है लेकिन लचर व्यवस्था के कारण अभी वर्तमान में 48970 बन्दी कारागार में बंद है | मतलब बंदियों की रखने की क्षमता और बंदियों की संख्या में 6 गुना ज्यादा क्षमता से अधिक संख्या है | 
प्राप्त सूचना के अनुसार अभी जिन 9 जिलो में कारागार नहीं है वहाँ कारागार के निर्माण का  कार्य शुरू कराया जा रहा है | इन 9 जिलो में कारागार निर्माण के पश्चात् बंदियों को रखने की क्षमता 11326 हो जायेगी जो फिर भी बंदियों की संख्या क्षमता से 4 गुनी ज्यादा ही रहेगी | 
प्राप्त सुचना के अनुसार वर्ष 2013 में धारा 436 ए में कुल आच्छादित बंदियों की संख्या 2609 थी जिसमे से 200 बंदी रिहा हो गए अभी वर्तमान में शेष 2409 बंदी कारागार में है |
प्राप्त सूचना के अनुसार जमानती धाराओ के अन्तर्गत निरुद्ध धारा 436(1) में आच्छादित कुल बंदियों की संख्या 22937 थी जिसमे से 19281 बंदी रिहा हो गए और अभी वर्त्तमान में शेष 3656 बंदीकारागार में बंद है |

उत्तर प्रदेश के सभी जेलों में बंद कैदियों को प्राप्त विधिक सहायता की स्थिति :
प्राप्त सूचना के अनुसार उत्तर प्रदेश में कुल 16 विचाराधीन बंदियों को विधिक सहायता प्रदान किया जा रहा है और कुल 2 सिद्धदोष बंदियों को विधिक सहायता प्रदान किया जा रहा है | जिला विधिक सहायता प्रदान करने हेतु कुल 30 प्रार्थना पत्र सरकारी वकील प्रदान करने के लिए भेजे गए थे जिसमे केवल 2 सरकारी वकील की सहायता मिल पाई है | ऐसे ही लोक अदालत में कुल 35 केस निस्तारण के लिए भेजे गए जिसमे से 16 केसों का निस्तारण लोक अदालत द्वारा किया जा चुका है | जिसमे से 2 बंदियों को लोक अदालत द्वारा रिहा भी किया जा चुका है |
इसी तरह कारागार में ऐसे कुल 123 सिद्धदोष बंदी निरुद्ध है जिनकी जमानत हो चुकी है लेकिन जमानत राशि तथा जमानत दस्तावेज माननीय न्यायालय में जमा नहीं हो पाने के कारण कारागार में निरुद्ध है | कारागार में ऐसे 322 सिद्धदोष बंदी निरुद्ध है जिनकी पैरवी करने वाला कोइ नहीं है और उन्होंने जेल के माध्यम से अपनी अपील माननीय उच्च न्यायालय में प्रेषित की है | अभी वर्त्तमान में कुल 1314 बंदियों को जिला विधिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है |

उत्तर प्रदेश के सभी जिलो में बंद महिला कैदियों की स्थिति :
प्राप्त सूचना के अनुसार उत्तर प्रदेश के कारागार में 26 ऐसी महिलाये है जो सन 2010 से अभी तक कारागार में बंद है जिनके पास बच्चे भी है | सन 2010 से अभी तक कुल 6 महिलाये कारागार में ऐसी है जिनका प्रसव कारागार में हुआ है | प्राप्त सूचना के अनुसार जेल में बंदी महिलाओ एवं उनके बच्चो के विकास के लिए क्रेश, योग शिविर, रोजगार परक प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाता है | साथ ही उनके मनोरंजन के लिए कारागार में टीवी भी उपलब्ध है | प्राप्त सुचना के अनुसार सन 2010 से अभी तक कुल 381 महिला कैदी विचाराधीन है | सन 2010 से अभी तक 19 महिला कैदी सजा याफ्ता है | सन 2010 से अभी तक 11 महिला कैदी को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से कानूनी सहायता प्राप्त हुई है |       

इलाहाबाद नैनी जिला जेल की स्थिति :
प्राप्त सूचना के आधार पर यदि हम उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलो के अलग अलग कारागार की स्थिति देखे तो इलाहाबाद जिले में स्थित नैनी जेल की स्थिति इस प्रकार स्पष्ट होती है | सन 2010 से अब तक जिला जेल इलाहाबाद में कुल 27602 विचाराधीन कैदी आये जिनमे से 25276 कैदी रिहा हो गए और अभी वर्त्तमान में 2326 कैदी कारागार में है | जेल में बैरक की कुल संख्या 37 है | प्रति बैरक में रहने वाले कैदियों की संख्या पूछने पर बताया गया की कैदियों की संख्या घटती बढ़ती है लेकिन यदि अवसत देखा जाय तो प्रति बैरक कैदियों की संख्या 63 है | जेल में कैदियों के लिए उपलब्ध स्नानागार की संख्या पुचने पर सूचना उपलब्ध नहीं कराई गयी | जेल में कैदियों के शौच के लिए कुल 302 शौचालय उपलब्ध है | लेकिन शौचालय की स्थिति के विषय में कोइ सूचना उपलब्ध नहीं कराई गयी | जेल में बंद कैदियों के लिए सप्ताहवार खाने के विषय में कोइ स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया बस ये बताया गया कि निर्धारित मीनू के अनुसार खाना दिया जाता है परन्तु मीनू की कापी उपलब्ध नहीं कराई गयी |
प्राप्त सूचना के अनुसार इलाहाबाद जिला कारागार में कैदियों के लिए अस्पताल है जिसमे 4 परामर्शदाता, 3 फार्मासिस्ट, 1 टेक्नीशियन और 1 लैब अटेंडेंट नियुक्त है | सुचना में बेड की संख्या नहीं बताई गयी | जेल में बंद कैदियों के पुनर्वासन के विषय में भी कोइ सुचना उपलब्ध नहीं कराई गयी | कैदियों के मनोरंजन के लिए कारागार में टीवी उपलब्ध है | शारीरिक मनोरंजन के लिए खेल कूद प्रतियोगित, बालीवाल, शतरंज और बैडमिन्टन भी उपलब्ध है | जेल में बंद कैदियों के सुधार की व्यवस्था पर कोइ जवाब प्राप्त नहीं हुआ |
जेल में बंद कैदियों के शिक्षा के लिए शिक्षक नियुक्त है | इसके साथ हाई स्कूल, इण्टर का व्यक्तिगत परिक्षा फ़ार्म भरवाने के लिए व्यवस्था है साथ ही इग्नू से शिक्षा की भी व्यवस्था की गयी है परन्तु कोइ संख्या नहीं बताई गयी है |
जेल में बंद 4 कैदियों की सहायता के लिए जिला विधिक की सहायता प्राप्त हुई है |

सुल्तानपुर जिला जिला जेल की स्थिति :
इसी प्रकार सुल्तानपुर जिला जेल से प्राप्त सूचना के अनुसार सन 2010 से अब तक जिला जेल सुल्तानपुर में कुल 747 विचाराधीन कैदी निरुद्ध है | जेल में कुल 11 बैरक है प्रत्येक बैरक में कैदियों की संख्या बैरक वार निम्न्वत 100, 115, 120, 102, 110, 65, 35, 30, 30, 35, 15 है | जेल में 747 कैदियों के लिए केवल 2 स्नानागार उपलब्ध है | इसके साथ ही इन सभी कैदियों के लिए केवल 8 शौचालय ही कारागार में उपलब्ध है | जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि कैदियों को दैनिक कार्य में कितनी परेशानी का सामना करना पड़ता है | सूचना में यह उपलब्ध नहीं कराया गया की जेल में स्थित स्नानागार और शौचालय की स्थिति कैसी है |
कैदियों को जेल में मिलने वाले खाने का मीनू दिन वार उपलब्ध कराया गया जिसमे सुबह नाश्ते में डबल रोटी, चाय, गुड, चना, दलिया प्रत्येक निर्धारित दिन के हिसाब से दिया जाता है | इसके साथ ही दोपहर के खाने में चावल, रोटी, विभिन्न प्रकार की दाल, सब्जी दिया जाता है और रात के खाने में चावल, रोटी, सब्जी व विभिन्न प्रकार की दाल दी जाती है | प्रत्येक रविवार को पूड़ी, सब्जी और हलवा भी दिया जाता है |     
सुल्तानपुर जिला कारागार में कैदियों के लिए अस्पताल उपलब्ध है जिसमे 2 डाक्टर, 2 फार्मासिस्ट, 1 एक्सरे टेक्नीशियन, 1 डार्क रूम अटेंडेंट और 8 नर्सिंग अर्दली की नियुक्ति की गयी है लेकिन अस्पताल में बेड की संख्या का विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया है |
जेल में बंद कैदियों के पुनर्वासन के लिए स्थानीय स्वयं सेवी संस्थाओ प्रताप सेवा समिति, आर्ट ऑफ़ लिविंग, लोक अधिकार सेवा समिति और सीटेड सुल्तानपुर का सहयोग लिया जाता है | परन्तु यह स्पष्ट नहीं बताया गया की कैदियों के पुनर्वासन के लिए क्या करते है |
कारागार में बंद बंदियों के शिक्षा के शिक्षण संस्थाओ के माध्यम से परिक्षा दिलाई जाती है परन्तु सूचना में संख्या नहीं बताई गयी की कितने कैदियों को परीक्षा दिलाई गयी है |
कारागार में बंद 6 कैदियों को जिला विधिक सहायता प्रदान कराई गयी है |

जौनपुर जिला जेल की स्थिति :
इसी प्रकार जौनपुर जिले से प्राप्त सूचना के आधार पर यह स्थिति सामने आयी की सन 2010 से अब तक जिला जेल जौनपुर में कैदियों की सूचना 2617 पृष्ठ की है जिसके लिए रुपये 2/- प्रति पेज के हिसाब से रुपये 5234/- जमा करने की बात कही गयी जबकि अन्य जिले के कारागार से जन सूचना के तहत कैदियों की संख्या उपलब्ध कराई गयी है | जेल के कैदियों के लिए 10 बैरक उपलब्ध है | परन्तु जेल में प्रत्येक बैरक में कैदियों की संख्या भी सूचना में नहीं दी गयी | जेल में कुल 7 स्नानागार उपलब्ध है और 41 शौचालय भी उपलब्ध है | जब जेल में स्थित कैदियों के लिए स्नानागार की स्थिति के विषय में पूछा गया तो सूचना में यह लिखकर दिया गया की इसकी सूचना प्राप्ति के लिए रुपये 2/- प्रति पेज के हिसाब से रुपये 20/- जमा कर सूचना प्राप्त करने के लिए कहा गया | इसके आलावा जेल में कैदियों के लिए शौचालय की स्थिति की भी कोइ सूचना उपलब्ध नहीं कराई गयी | जेल में बंद कैदियों के लिए सप्ताहवार खाने की भी कोइ सूचना उपलब्ध नहीं कराया गया |
कैदियों के स्वास्थ्य की सुविधा के लिए जेल में चिकित्सालय उपलब्ध है जिसमे 2 डाक्टर, 2 फार्मासिस्ट की नियुक्ति है और 20 बेड भी उपलब्ध है | जेल में बंद कैदियों के मनोरंजन के लिए टीवी के उपलब्धता है | शारीरिक मनोरंजन के लिए खेल कूद प्रतियोगिता, समय समय पर प्रवचन का आयोजन किया जाता है | इसके साथ ही जेल में समय समय पर योग और भजन का भी आयोजन किया जाता है | जेल में बंद कैदियों के सुधर की क्या व्यवस्था है इस पर कोइ जवाब उपलब्ध नहीं कराया गया | साथ ही यह भी सूचना उपलब्ध कराई गयी कि कैदियों को काम के बदले पारिश्रमिक मिलता है परन्तु यह नहीं बताया गया की कितने कैदियों को काम मिलाता है और कितने रुपये मजदूरी दिया जाता है |    
जेल में बंद कैदियों की शिक्षा के लिए 1 अध्यापक नियुक्त है और साथ ही शिक्षण संस्थाओ के माध्यम से परीक्षा दिलाई जाती है | इसके साथ यह भी जानकारी बताई गए कि जेल में बंद बंदियों में 368 बंदियों को जिला विधिक सहायता प्रदान कराई गयी है |

गाजीपुर जिला जेल की स्थिति :
इसी प्रकार गाजीपुर जिला जेल से प्राप्त सूचना के आधार पर जिला जेल गाजीपुर में सन 2010 से अब तक कुल 483 विचाराधीन कैदी निरुद्ध है |  जेल में कुल 13 बैरक है प्रत्येक बैरक में कैदियों की संख्या उपलब्ध नहीं कराई गयी | जेल में कैदियों के लिए कुल 4 स्नानागार और 64 शौचालय निर्मित है | लेकिन स्नानागार और शौचालय की स्थिति के विषय में कोइ भी सूचना उपलब्ध नहीं कराई गयी |
जेल में बंद कैदियों के लिए सप्ताहवार खाने के विषय में यह सूचना प्राप्त हुई की कैदियों को जेल मैनुअल के हिसाब से खाना दिया जाता है परन्तु जेल मैनुअल की कापी या खाने की मीनू की कापी उपलब्ध नहीं कराई गयी |
जेल में बंद कैदियों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए कारागार में चिकित्सालय उपलब्ध है जहाँ 1 डाक्टर, 1 फार्मासिस्ट की नियुक्ति की गयी है लेकिन एक्सरे टेक्नीशियन, वार्ड व्वाय या नर्स की नियुक्ति की कोइ सूचना उपलब्ध नहीं कराई गयी | साथ ही जिला कारागार के चिकित्सालय में कितने बेड है इसकी भी कोइ सूचना प्रदान नहीं किया गया |
जेल में बंद कैदियों के पुनर्वासन के लिए क्या व्यवस्था किया जाता है इसकी कोइ भी सूचना उपलब्ध नहीं कराई गयी |
जेल में बंद कैदियों के मनोरंजन के लिए खेल कूद प्रतियोगिता, बालीवाल, कैरम, बैडमिन्टन व सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन कराया जाता है |
जेल में बंद कैदियों के शिक्षा के लिए 1 अध्यापक नियुक्त है | जेल में बंद कैदियों में से 6 कैदियों को जिला विधिक सहायता प्रदान कराई गयी है |

वाराणसी जिला जेल की स्थिति :
इसी क्रम में जिला जेल वाराणसी से प्राप्त सूचना के अनुसार वाराणसी जिले में सन 2010 से अब तक जिला जेल वाराणसी में कितने विचाराधीन कैदी निरुद्ध है, जेल में कैदियों के लिए कितने बैरक है, जेल में प्रत्येक बैरक में कितने कैदी रहते है, जेल में कितने स्नानागार कैदियों के लिए है, जेल में कितने शौचालय कैदियों के लिए है, जेल में कैदियों के लिए स्नानागार और शौचालय की स्थिति कैसी है इन सभी सवालों का कोइ जवाब जन सूचना अधिकारी द्वारा नहीं दिया गया |   इसके अलावा इस प्रश्न कि जेल में बंद कैदियों के लिए सप्ताहवार खाने की क्या व्यवस्था है इस पर यह सूचना प्राप्त हुई कि जेल मैनुअल के हिसाब से खाना दिया जाता है परन्तु जेल मैनुअल की कापी उपलब्ध नहीं कराई |   
जेल में बंद कैदियों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा व देखभाल के लिए कौन कौन से सुविधा दी जाती है इस पर उन्होंने यह जवाब दिया की जेल मैनुअल के हिसाब से सुविधाए उपलब्ध कराया जाता है परन्तु जेल मैनुअल की कापी उपलब्ध नहीं कराई गयी | जेल में 2 डाक्टर, 1 फार्मासिस्ट नियुक्त है | जेल में बंद कैदियों के लिए पुनर्वासन के लिए क्या व्यवस्था है इस पर कोइ जवाब नहीं दिया गया | जेल में बंद कैदियों के लिए मनोरंजन के लिए टीवी उपलब्ध है | साथ ही खेलकूद प्रतियोगिता कराई जाती है | जेल में बंद कैदियों के सुधार की क्या व्यवस्था है इस पर कोइ भी जवाब उपलब्ध नहीं कराया गया | जेल में बंद कैदियों के शिक्षा के लिए शिक्षाध्यापक नियुक्त है, साथ ही इग्नू से शिक्षा की व्यवस्था की गयी है | जेल में बंद कैदियों की सहायता के लिए जिला विधिक सहायता कैदियों को उपलब्ध करने के प्रश्न पर कोइ सूचना उपलब्ध नहीं कराया गया |

बलिया जिला जेल की स्थिति :
प्राप्त सूचना की आधार पर जिला कारागार बलिया में सन 2010 से अब तक जिला जेल में कुल 311 विचाराधीन कैदी निरुद्ध है | जेल में कैदियों के लिए कुल 10 बैरक है | जेल में प्रत्येक बैरक में 70 से 80 कैदी रहते है | जेल में कैदियों के लिए स्नान के लिए कुल 9 स्नानागार उपलब्ध है | जेल में बंद कैदियों के लिए दिन में इस्तेमाल करने के लिए कुल 47 शौचालय है और रात्रि में कुल 17 शौचालय की व्यवस्था उपलब्ध रहती है |  जेल में उपलब्ध स्नानागार और शौचालय की स्थिति के विषय में कोइ सूचना उपलब्ध नहीं कराई गयी | जेल में बंद कैदियों के लिए सप्ताहवार खाने के लिए दिनवार मीनू उपलब्ध कराया गया | जिसमे सोमवार से रविवार तक विभिन्न नाश्ता पावरोटी, चाय, केला, चना, दलिया आदि दिनवार दिया जाता है | इसके साथ ही दोपहर व रात के भोजन का भी दिनवार मीनू दिया गया जिसमे रोटी, दाल, सब्जी, चावल, पूड़ी आदि दिनवार दिया जाता है |
जेल में बंद कैदियों के स्वास्थ्य सुविध के लिए कारागार चिकित्सालय उपलब्ध है और एम्बुलेंस भी उपलब्ध है | कारागार चिकित्सालय में 1 डाक्टर और फार्मासिस्ट की नियुक्ति की गयी है | परामर्शदाता, एक्सरे टेक्नीशियन, लैब अटेंडेंट और बेड से सम्बंधित कोइ भी सूचना उपलब्ध नहीं कराई गयी |
जेल में बंद कैदियों के पुनर्वासन के लिए क्या व्यवस्था है इसका कोइ भी जवाब उपलब्ध नहीं कराया गया | जेल में बंद कैदियों के मनोरंजन के लिए जेल में टीवी उपलब्ध है साथ ही उन्हें इनडोर गेम भी खिलाया जाता है | जेल में बंद कैदियों के सुधार और क्रियात्मकता के प्रश्न पर कोइ भी जवाब उपलब्ध नहीं कराया गया |  
जेल में बंद 23 कैदियों को जिला विधिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है |
क्या कहता है उत्तर प्रदेश का जेल मैनुअल :
1/3 जिला जेलों की श्रेणियां- जिला जेलों की पांच श्रेणियां है -
प्रथम श्रेणी, जिसमें सामान्यत : 500 से अधिक कैदियों के रहने की व्यवस्था होती है |
द्वितीय श्रेणी, जिसमें सामान्यत : 300 से अधिक और 500 से कम कैदियों के रहने की व्यवस्था होती है |
तृतीय श्रेणी, जिसमें सामान्यत : 150 से अधिक और 300 से कम कैदियों के रहने की व्यवस्था होती है |
चतुर्थ श्रेणी, जिसमें सामान्यत : 100 से अधिक और 150 से कम कैदियों के रहने की व्यवस्था होती है | 
पंचम श्रेणी, जिसमें 100 या कम कैदी रहने की व्यवस्था होती है |

1/4 जिला जेलों की सूची- राज्य में जिला जेलों को निम्नवत वर्गीकृत किया गया है-
प्रथम श्रेणी जिला जेलें आगरा, अलीगढ, बरेली, बदायूं, एटा, फैजाबाद, फतेहगढ, गोंडा, गोरखपुर, हरदोई, खीरी, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, रायबरेली, शाहजहांपुर, सीतापुर, कानपुर, उन्नाव और वाराणसी।
द्वितीय श्रेणी जिला जेलें - आजमगढ, बहराइच, बाराबंकी, बस्ती, बिजनौर, इटावा, फतेहपुर, गाजीपुर, जौनपुर, मैनपुरी, मथुरा, प्रतापगढ, रामपुर, सहारनपुर, सुल्तानपुर, बांदा और झांसी |
तृतीय श्रेणी जिला जेलें - बुलन्दशहर, देवरिया, हमीरपुर, मीर्जापुर, मुजफ्फरनगर और उरई |
चतुर्थ श्रेणी जिला जेलें – अल्मोडा, बलिया, देहरादून, और पीलीभीत |
पंचम श्रेणी जिला जेलें – नैनीताल, पौडी और टेहरी |
1/5 बाल अपराध जेलें - राज्य में एक जेल है | यह बरेली में स्थित है |
1/6 हिरासत (हवालात) जेलें - जेल विभाग द्वारा संचालित जेल गोरखपुर में स्थित है | एक सहायक जेल (Subsidiary Jail) वाराणसी जिले के ज्ञानपुर में स्थित है |

विभिन्न प्रकार के कैदियों के लिये जेलों का आरक्षण
2/7 केन्द्रीय कारागार और जिला जेलों में रखे जाने वाले अपराधियों की श्रेणियां - सामान्यतः केन्द्रीय कारागार और जिला जेलों की विभिन्न श्रेणियों में रखे जाने वाले अपराधियों को निम्नवत विर्निदिष्ट किया गया है |
केन्द्रीय कारागार - आजीवन कारावास या 07 वर्ष से अधिक कारावास से दण्डित सभी व्यस्क कैदी |
प्रथम श्रेणी जिला जेले - तीन वर्ष से अधिक, परन्तु 07 वर्ष से कम कारावास से दण्डित कैदी |
द्वितीय श्रेणी जिला जेलें - दो वर्ष से अधिक, परन्तु 03 वर्ष से कम कारावास से दण्डित कैदी |
तृतीय और चतुर्थ श्रेणी जिला जेलें - एक वर्ष से अधिक, परन्तु 02 वर्ष से कम कारावास से दण्डित कैदी |
2/8 विचाराधीन और सामान्य न्यायालय के कैदी तथा साधारण कारावास से दण्डित कैदी - विचाराधीन और सामान्य न्यायालय के कैदी तथा साधारण कारावास से दण्डित कैदी सामान्यतः जिले की जिला जेलों में रखे जायेंगे जहां उनका विचारण किया गया है या कारावास का दण्ड दिया गया है।
2/9 महिला कैदी - वाराणसी, लखनऊ और इलाहाबाद की जिला जेलों मे महिला कैदियों के रहने की कोई व्यवस्था नहीं है और इन स्थानों में सभी श्रेणियों की महिला कैदियों को केन्द्रीय कारागार में रखा जायेगा |
आगरा, बरेली  और फतेहगढ के केन्द्रीय कारागार में महिला कैदियों के रहने की कोई व्यवस्था नहीं है |
2/10 कुछ जिलों में सामान्य न्यायालय के कैदी - न्यायालय को सामान्य न्यायालय के कैदियों को नीचे वर्णित जिलों में उनके सामने दर्शायी गयी जेलों में सीधे भेजना चाहिये |
बहराइच से गोंडा जिला जेल,
बलिया से गाजीपुर जिला जेल,
कानपुर से उन्नाव जिला जेल,
देहरादून से सहारनुपर जिला जेल,
नैनीताल से बरेली जिला जेल,
सुल्तानपुर से फैजाबाद जिला जेल,
2/11 यूरोपीय और ईसाई विचाराधीन कैदी (अ) सभी यूरोपीय और ईसाई विचाराधीन कैदियों को केन्द्रीय कारागार या जिला जेलों में रखा जायेगा। सिवाय निम्नलिखित स्थानों के, जहां उन्हें पुलिस हिरासत (अभिरक्षा) में रखा जायेगा।
इलाहाबाद, अल्मोडा, बलिया, बिजनौर, कानपुर, हमीरपुर, नैनीताल, उरई, पौडी और पीलीभीत |
(ब) सभी यूरोपीय और ईसाई महिला कैदियों को, उपखण्ड (अ) में विर्निदिष्ट जिलों के सिवाय, वाराणसी और लखनऊ के केन्द्रीय कारागार के महिला अनुभाग मे और दूसरे जिलों में जिला जेल के महिला वार्ड में रखा जायेगा |
2/12 मानसिक रूप से ग्रसित कैदियों का बंदीकरण - प्रमाणित रूप में मानसिक जो विकृतचित्त नहीं है, से ग्रसित कैदियों को आगरा जिला जेल में रखा जायेगा |
2/13 विशेष श्रेणियों के कैदियो के लिये आरक्षित कुछ जेलें - विभिन्न श्रेणियों के कैदियों के लिये आरक्षित जेलों की एक सम्पूर्ण सूची परिशिष्ट ‘‘‘‘ में दी गयी है |
2/13 ए राज्य सरकार, जब कभी भी यह सतुष्ट हो कि जेल अधिनियम के प्रावधानों और उसके अन्र्तगत बनाये गये नियमेंा को किसी सहायक जेल (Subsidiary jail) या दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1898 की धारा 541 के अन्र्तगत नियुक्त किये गये विशेष बंदीकरण स्थान और उसमे नियोजित अधिकारियों और रखे गये कैदियों पर लागू करना आवश्यक है तो उपरोक्त अधिनियम के सभी या कोई प्राविधानों और उनके अन्र्तगत बनाये गये नियमों को ऐसी सहायक जेलों और उनमें नियोजित अधिकारियों और रखे गये कैदियों पर अधिसूचना लागू कर सकेगी |

3/25 डाक्टरी जाँच की प्रक्रिया - प्रत्येक अपराधी को पूरे वस्त्रो में जाँच के लिए चिकित्साधिकारी के समक्ष लाया जायेगा | जो प्रवेश-पुस्तिका मे अपराधी के स्वास्थ्य, साधारण या खराब की प्रविष्टि करेगा उसकी शारीरिक या मानसिक स्थिति के बारे मे ऐसी टिप्पणियों के साथ जैसा की वह आवश्यक समझें और यदि कैदी सश्रम कारावास से दण्डित है | उस श्रेणी का श्रम जिसके लिए वह स्वस्थ है | कठोर औसत या हल्का। कैदी के स्वास्थ्य को साधारण या खराब वर्णित करते समय | चिकित्साधिकारी कारणो को प्रविष्ट करेगा, जहाँ तक वे सुनिश्चित किए जा सकने योग्य हो, जैसे- बढ़ा हुआ प्लीहा, रक्ताल्पता आदि। चिकित्साधिकारी यह भी अभिलिखित कि कैदी को टीका लगाया जा चुका है अथवा उसे चेचक हुआ था | जब चिकित्साधिकारी और अधीक्षक अलग-अलग अधिकारी है, तो चिकित्साधिकारी द्वारा जाँच किये जाने के पश्चात कैदी को अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा |


जेल सुधार हेतु सुझाव :
1.     भीड़-भाड़ कम किया जाय
2.     कैदियों के लिए उचित मानसिक देखभाल प्रदान किया जाय
3.     3. 6 वर्ष की आयु के बाद महिला कैदियों के बच्चों की नियमित देखभाल किया जाय
4.     कैदियों के पुनर्वास के लिए बाजार संगत योजनाएं
5.     जेल उत्पादनों का विपणन और जेल कर्मचारियों के लिए कल्याणकारी योजनाएं पर जोर दिया जा
6.     अन्य पक्षों या समुदायों के साथ एकरूपता
7.     नए कारावासों के डिजाईन और उनकी वास्तुकला का आधुनिकीकरण
8.     महिला कैदियों के लिए प्रशिक्षण और कल्याणकारी योजनाएं
9.     रिहाई के पश्चात समाज में उनकी स्वीकृति से संबंधित मुद्दे
10.  सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा मॉडल जेल मार्गदर्शिका अपनाना
11.  जेलों में पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति,
12.  बंदियों के लिए मनोरंजन की व्यवस्था हो
13.  विचाराधीन व सजायाफ्ता कैदियों के रहने की अलग-अलग व्यवस्था होने,
14.  बंदियों को व्यावसायिक पाठयक्रमों से जोडऩे और अपराधियों की प्रवृत्ति के अनुसार उन्हें अलग-अलग रखा जाय ।
15.  इसके अलावा जेलों में साफ-सफाई व बंदियों के लिए योगा व स्वास्थ्य की उचित व्यवस्था करने के लिए उपाय किये जाए |
16.  सफाईकर्मियों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। जेल में पैथालोजी और एम्बुलेंस भी हो।
17.  कैदियों से खाना बनवाया जाता है। दो-तीन हजार कैदियों का खाना बनाना कैदियों के बस की बात नहीं है। अत: रसोइयों की नियुक्ति होनी चाहिए।
18.  एक हज्जाम के कारण लोग मजनूं बने रहते हैं। उनके बालों में जुएं पड़ते हैं। अत: हज्जामों की तादाद बढऩी चाहिए।

आदर्श जेल स्थापना
1.       प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर आदर्श जेल बने। इनमें सजायाफ्ता कैदी अपने बीबी बच्चों के साथ समय गुजार सकें।
2.       14 साल की सजा काट चुके 60 साल से अधिक उम्र के पुरुषों और सात साल की सजा काट चुकी 50 साल से ऊपर की महिलाओं को रिहा किया जाना चाहिए।
3.       प्रत्येक कारागार में एक चिकित्सा अधीक्षक की नियुक्ति की जाय |
4.       कारवासियो को दो प्रमुख वर्गों में रखा जाय – (1) आदतन या अभ्यस्त अपराधी, (2) सामान्य या आकस्मिक अपराधी |
5.       कैदियों को उनके परिजनों से मिलने, उनसे पत्राचार करने व घर का खाना खाने में रियायत दी जाय |
6.       कैदियों के कारावकाश (पैरोल) पर छोड़े जाने सम्बन्धी नियमो को उदारता से लागू किया जाय तथा बंदीगृह से रिहाई के समय उन्हें कुछ वित्तीय सहायता दी जाय ताकि वे समाज में स्वयं को पुनर्स्थापित कर सके |
7.       कारागार में विचाराधीन कैदियों को सिद्धदोष कैदियों से अलग रखना चाहिए | साथ ही विचाराधीन कैदियों के शीघ्र विचारण की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि उन्हें कम से कम समय जेल में निरोधित रहना पड़े |
8.       कारागारो के उचित रख रखाव हेतु सरकार द्वारा पर्याप्त वित्तीय अनुदान दिया जाय |  


-          मानवाधिकार जननिगरानी समिति/जनमित्र न्यास द्वारा उत्तर प्रदेश के विभिन्न कारागार से बंदियों व कारागार की स्थिति के विषय में जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त सूचना के आधार पर यह रिपोर्ट अनूप कुमार श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गयी है |