Saturday, November 12, 2016
Friday, November 11, 2016
Wednesday, October 26, 2016
Friday, September 30, 2016
Wednesday, September 14, 2016
Open letter on possibility for SAARC Human Rights Instruments
I request to Governments of SAARC and SAARC, to bring above mentioned discourse for establishment of SAARC Human Rights mechanism to Government of India and Asia-Pacific forum of NHRIs.http://www.opnlttr.com/letter/open-letter-possibility-saarc-human-rights-instruments
Thursday, September 1, 2016
Friday, August 12, 2016
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में अदालत में पेशी पर लाने-ले-जाने के लिए महिला व पुरुष बंदियों को भूसे की तरह भरकर एक ही वैन में लाने व ले जाने के सम्बन्ध में |
--------- Forwarded message ----------
From: anup srivastava <minority.pvchr@gmail.com>
Date: 2016-08-12 12:31 GMT+05:30
Subject: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में अदालत में पेशी पर लाने-ले-जाने के लिए महिला व पुरुष बंदियों को भूसे की तरह भरकर एक ही वैन में लाने व ले जाने के सम्बन्ध में |
To: cmup@nic.in, cmup@up.nic.in, csup@up.nic.in, yadavakhilesh@gmail.com, apkacm-up@nic.in
Cc: Lenin Raghuvanshi <pvchr.india@gmail.com>, "Dr. Lenin Raghuvanshi" <lenin@pvchr.asia>
From: anup srivastava <minority.pvchr@gmail.com>
Date: 2016-08-12 12:31 GMT+05:30
Subject: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में अदालत में पेशी पर लाने-ले-जाने के लिए महिला व पुरुष बंदियों को भूसे की तरह भरकर एक ही वैन में लाने व ले जाने के सम्बन्ध में |
To: cmup@nic.in, cmup@up.nic.in, csup@up.nic.in, yadavakhilesh@gmail.com, apkacm-up@nic.in
Cc: Lenin Raghuvanshi <pvchr.india@gmail.com>, "Dr. Lenin Raghuvanshi" <lenin@pvchr.asia>
सेवा में, 12 अगस्त, 2016
माननीय मुख्यमंत्री महोदय,
उत्तर प्रदेश सरकार,
लखनऊ |
विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में अदालत में पेशी पर लाने-ले-जाने के लिए महिला व पुरुष बंदियों को भूसे की तरह भरकर एक ही वैन में लाने व ले जाने के सम्बन्ध में |
महोदय,
आपका ध्यान 12 अगस्त, 2016 के दैनिक समाचार पत्र “जन्संदेश टाईम्स” के इस खबर “खूंखार पुरुष बंदियों के लिए खिलौना बनी महिला बंदी, सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में वैन में ठूंसी गयी महिला बहाती रही आंसू” की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ | किस प्रकार से माननीय सर्वोच्च न्यायालय, माननीय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदशो की धज्जियां उड़ाते हुए वाराणसी पुलिस महिला व पुरुष को एक ही वैन में ठूंस कर जबरदस्ती महिला को उन पुरुषो के साथ बैठने को मजबूर करते है | साथ ही रास्ते भर बंदियों के साथ साथ पुलिस वाले भी महिलाओ के साथ अभद्र भाषा व अश्लील संकेतो का प्रयोग करते है और भी आश्चर्य की बात यह है कि उस महिला कैदी के साथ कोइ भी महिला कांस्टेबल भी मौजूद नहीं दिखाई दी |
आपको यह भी अवगत कराना चाहता हूँ कि इसके पूर्व भी वाराणसी के जिला जेल में बंदियों द्वारा उपद्रव करते हुए बहुत उत्पात मचाया गया था और लगभग बंदियों ने जिला जेल पर अपना कब्जा जमा लिया था व कई पुलिसवालों को मारा पीटा भी था जिससे यह स्पस्ट होता है कि स्थिति बहुत भयावह है | इसमें तवरित कार्यवाही की आवश्यकता है |
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि इस संगीन मामले को संज्ञान में लेते हुए इसमें दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित न्यायोचित कार्यवाही करने के साथ ही साथ महिलाओ के सम्मान व सुरक्षा के लिए कठोर निर्देश देने की कृपा करे |
संलग्नक :
- दैनिक समाचार पत्र में छपी खबर की प्रति व घटना से सम्बंधित फोटो |
भवदीय
डा0 लेनिन रघुवंशी
सीईओ
मानवाधिकार जननिगरानी समिति
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी
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