Wednesday, July 19, 2017

पिट –पिट कर मारने के बाद : मेरे पति के लाश से टीपा ले रहा था दरोगा



Case Details of File Number: 364/34/12/2017-AD
Diary Number
38955/CR/2017
Name of the Complainant
ONKAR VISHWKARMA, HUMAN RIGHTS ACTIVIST
Address
DOMCHANCH,

KODERMA , JHARKHAND
Name of the Victim
PRADIP CHAUHARY
Address
SATGAVAN,

KODERMA , JHARKHAND
Place of Incident
SATGAVAN

KODERMA , JHARKHAND
Date of Incident
3/13/2017
Direction issued by the Commission
Director General, Investigation Division of the Commission to collect facts and requisite reports within eight weeks. Simultaneously, the Jharkhand State Human Rights Commission be also requested to inform this Commission within four weeks whether the cognizance of the above referred case has been taken by the State Commission and if so, on what date. A copy of the said proceedings may also be forwarded along with the above information.
Action Taken

Status on 7/19/2017



---------- Forwarded message ----------
From: "Onkar. vishwkarma" <
onkar670@gmail.com>
Date: 16-Mar-2017 8:19 am
Subject:
झारखण्ड के कोडरमा जिले के सतगांवा थाना क्षेत्र में प्रदीप चौधरी नामक दलित व्यक्ति को सतगांवा थाना के पुलिस द्वारा हिरासत में ले कर पिटाई करने से मौत हो जाने के सम्बन्ध में
To: "dg-nhrc" <
dg-nhrc@nic.in>, <registrar-nhrc@nic.in>, <cr.nhrc@nic.in>
Cc: 


सेवा में
श्रीमान अध्यक्ष महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली
विषय :- झारखण्ड के कोडरमा जिले के सतगांवा थाना क्षेत्र में प्रदीप चौधरी नामक दलित व्यक्ति को सतगांवा थाना के पुलिस द्वारा हिरासत में ले कर पिटाई करने से मौत हो जाने के सम्बन्ध में
महोदय
हम आपका ध्यान झारखण्ड के कोडरमा जिले के सतगांवा थाना क्षेत्र के टेहरो निवाशी प्रदीप चौधरी को सतगांवा पुलिस द्वारा हिरासत में ले कर जम कर पिटाई की गई जिससे उसकी मौत हो गई। यह मामला देनिक अख़बार प्रभात खबर में 15 मार्च 2017 को प्रकाशित की गई जिसका लिंक http://www.prabhatkhabar.com/news/kodarma/jharkhand-koderma-dalit-person-beating-in-police-station-death-playing-holi/955229.html संलग्न है।
अतः महोदय से नम्र निवेदन है की उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च अधिकारी या आयोग स्वय न्यायिक जाँच कर दोषी पुलिस पर न्यायिक कार्यवाही करते हुए पीड़ित परिवार को मुवावजा भुगतान कर कार्यवाही की एक प्रति हमें भी उपलब्ध कराये।
भवदीय
ओंकार विश्वकर्मा
मानवाधिकार कार्यकर्त्ता
डोमचांच कोडरमा झारखण्ड
संपर्क 9934520602
मामला विस्तार से
 
होली पर चौकीदार को रंग लगाने के संदेह में की पिटाई
एसपी ने कहा है, मामले की निष्पक्ष जांच करायी जायेगी
मृतक की पत्नी ने कहा, थाने में अपशब्द व जातिसूचक शब्द कहा 
कोडरमा : कोडरमा में एक दलित व्यक्ति की पुलिस की पिटाई से मौत हो गयी है. उस दलित व्यक्ति की पिटाई भी प्रेम और भाईचारा के पर्व होली के दिन एक चौकीदार पर रंग-गुलाल दिये जाने मात्र से की गयी. लोगों द्वारा रंग दिया जाना चौकीदार को पसंद नहीं आया और वह अपनी पुलिसिया रौब दिखाते हुए थाने पहुंच गया और वहां शिकायत कर दी.  इसके बाद पुलिस वाले मौके पर पहुंचे और प्रदीप चौधरी नामक दलित व्यक्ति की न सिर्फ वहां पिटाई की, बल्कि बेहोश होने पर उसे अस्पताल ले गये, वहां इलाज करा कर होश में लाया और फिर थाने ले जाकर पिटाई की. मामला कोडरमा जिले के सतगांवा थाना का है. मृतक इसी थाना क्षेत्र में पड़ने वाले टेहरो गांव का रहने वाला था. मृतक के पूरे शरीर पर पिटाई के दाग साफ दिख रहे हैं.
इस शर्मनाक घटना के संबंध में मृतक प्रदीप चौधरी की पत्नी जसवा देवी ने अनुसूचित जाति-जनजाति थाने में आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है.हालांकि पुलिस ने परिजनों का आवेदन लेने से मना कर दिया है. पुलिस फर्द बयां बना कर यूडी केस दर्ज कर रही है. मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया है कि उनकी कोई नहीं सुन रहा है. फिलहाल शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड के द्वारा कराये जाने की तैयारी चल रही है.एसपी एसके झा ने मामले की निष्पक्ष जांच कराने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि इस मामले की मजिस्ट्रेट से जांच करायी जायेगी और मेडिकल बोर्ड गठन कर पोस्टमार्टम कराया जायेगा.
मृतक प्रदीप चौधरी की पत्नी जसवा देवी ने थाने को दिये आवेदन में लिखा है कि होली के दिन 13 मार्च को उनके  पति गांव के कुछ लोगों के साथ होली खेलने निकले थे, जिसके बाद उन्हें जानकारी मिली की प्रदीप चौधरी को पुलिस उठा ले गयी है. पता चला कि सतगांवा थाने के एक चौकीदार को किसी ने अबीर लगा दिया. यह मामला थाना तक पहुंच गया. इसके बाद पुलिस मौके पर आयी, तबतक अन्य ग्रामीण वहां से हट गये थे, लेकिन प्रदीप चौधरी वहीं खड़े थे. पुलिस ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी, जिससे वह नीचे जमीन पर गिर गये. गंभीर रूप से चोट लगने के कारण वह बेहोश हो गये. इसके बाद पुलिस उन्हें अस्पताल ले गयी और फिर वहां इलाज करा कर उसे थाने ले गय
जसवा देवी ने कहा है कि वह अपने रिश्ते के भाई अश्विनी चौधरी के साथ रात में सतगांवा थाना गयी और थाना प्रभारी से आग्रह किया कि उनके पति को छोड़ दे, वह निर्दोष हैं. वह उनके सामने गिड़गिड़ायी थीं, लेकिन थाना प्रभारी ने उन्हें जातिसूचक शब्द कहा और दारू चुलाने वाली व गुंडा पालने वाली बताया. जसवा देवी के अनुसार, उनके भाई का कॉलर पकड़ कर उन्हें धमकी दी गयी और कहा कि रात में थाना आता है, तेरी हिम्मत कैसे हुई? भागता है कि नहीं...इसके बाद वे लोग डर से थाने से चले
जसवा देवी ने कहा है कि सुबह मेरे फुफेरे भाई के जरिये मेरे पति प्रदीप चौधरी को मोटरसाइकिल से घर भेज दिया गया, लेकिन उनकी हालत बिगड़ने लगी थी. शुरू में उन्हें सतगांवा अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर वहां से कोडरमा सदर अस्पताल ले जाया गया. कोडरमा सदर अस्पताल से उन्हें रिम्स, रांची रेफर कर दिया और इलाज के लिए रांची ले जाये जाने के क्रम में रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी.



      मै जसवा  देवी उम्र 45 वर्ष ग्राम तहरो पोस्ट बासोडीह, थाना – सतगांवा, जिला कोडरमा,झारखण्ड की मूल निवासी हूँ मेरे परिवार में मेरे तीन बच्चे के साथ मै अकेली रहती हूँ |

      मेरी घटना यह है की गाँव घर में होली को लेकर हर जगह चहल पहल चल रहा था, मेरे पति के गाँव में गाय भैस इत्यादी चराने का काम करते थे, होली के दिन घर से खाना पीना खा कर निकले और गाँव के सब लोग ढोल तबिला ले कर गीत गा रहे थे व्ही पर ये भी गीत गाने गये और उसमे शामिल हो गये,उधर से एक चौकीदार जा रहा था तो उसी मण्डली का कुछ लोग उसे बुलाकर अबीर लगाये इतने में वो गुस्सा हो गया और थाना में जाकर बड़ा बाबु से बहुत कुछ कह सुनाया, कुछ ही देर में थाना से पुलिस वहा आ गयी और गीत गाने वाले लोगो को लाठी डंडा से जम कर पिटाई किये कुछ लोग भाग गये और कुछ लोग नही भाग सके मेरा मरद भी नही भागा वो व्ही खड़ा रहा पुलिस उसको बहुत मारा और गाली भी दे रहा था यह बात हमे गाँव के लोग बताये, की पुलिस आपके मालिक को पकड़ कर थाना ले गया आप थाना जाईये और ले जाईये, हम सुने तो बोले की मेरा पति गाय चराता है उसको क्यों ले जायेगा पुलिस हमे झुठ लगा की कोई मजाक कर रहा है |

       यह सुनकर हम अपने बेटा को थाना भेजे वह भी आकर यही बात बोला तब हम रात को 8 बजे एक लड़का को लेकर उसके गाड़ी से थाना गये और थाना जाकर गेट खोलकर अन्दर गये तो बड़ा बाबु बाहर आकर बोला कौन है हम बोले मेरा मरद क्या गलती किया जो उसे पकड़ कर ले आये है, इतना सुनते ही पुलिस हमे गंदा गंदा गाली देने लगा और मेरे साथ गये लड़का को बोला की तुमको पेट्रोल डालकर मारेगे यह सुनकर हमे डर लगने लगा की दुसरे के बेटा को लेकर आये है कुछ कर देगा, हम बोले मेरा मालिक को छोड़ दीजिये तो बोला की अभी नही छोड़ेगे कल सुबह भेजेगे, पर कल सुबह फोन आया की बहुत बीमार है रिक्सा लेकर थाना बुलाया हम बोले की वो ले गया और हम रिक्सा कहा से लाये फिर गाँव के कुछ लोग मोटर साईकिल से ले आये पर मेरा मालिक कुछ बोल नही पा रहा था, उसका मुह खुला था और धीरे – धीरे पुरा गम्भीर हो गया, फिर हम लोग पुलिस को फोन कर के बताये तो पुलिस उसे अस्पताल ले गयी वहाँ दो सुई लगा और फिर सदर कोडरमा चले आये,वहा से रिम्स भेजा गया झा पर रस्ते में जाते जाते बढ़ी में मेरा मरद दम तोड़ दिया, फिर वहा से वापस आया और सदर में ला कर रखवा दिया, उसके बाद रात के 9 बजे के करीब सब कोडरमा थाना वाले हमसे ठिपा मांगे, की लाश छोड़ देंगे कोई हल्ला हुजत नही होगा | 

      यह बोलकर हम ठिपा लगा दिए सुबह 4 बजा तो गाड़ी का ड्राईवर नही मिला फिर पुलिस आया और बोला की लिखा पढ़ी होगा तब छुटेगा, उसके बाद सब थाना पुलिस एक तरफ हो गया और दरोगा नजर नही आने लगा सब यही बोलने लगे की आपका मर्द बीमारी से मारा है, उसी समु पत्रकार लोग फोटो लेने आये तब हम देखे की बहुत मार हुआ था मेरा मरद को पुरा दाग दिख रहा था पुरा शरीर पर चढ़कर पैर से बुल चला दिया गया था जब लाश को उलट पलट किया तो पुरा मुह से खुन उल्टी होने लगा, और लाश के मुह से निकला बलुद से पुरा एम्बुलेंस भर गया था, हम रोने पटकने लगे हम कुछ बोल नही पा रहे थे पत्रकार लोग ही पुलिस से पुछा तो कोई कुछ नही बोला लोग बोले की चढ़ कर शरीर पर बुल दिया है जिसके कारण यह ब्लड निकल रहा है |

हम जब पुलिस के खिलाफ थाने में आवेदन लिख कर दिए तो पुलिस मेरा आवेदन नही लिया, और अपने से एक आवेदन लिख कर हमसे ठपा लेने लगा तो हम कहने लगे की मेरा वाला क्यों नही लिया वो अपना क्यों लिखा उस पर वो बोला की पोस्टमार्डम के लिए ठेपा (अंगूठा का निशान ) ले रहे है फिर लेकर गया, तो रस्ते में पेट्रोल पम्प के पास जमादार और दरोगा गाड़ी पर चढ़कर सदा पेपर पर लाश से ठिपा लेने लगा तो हम लाश का हाँथ पकड़ लिए और बोले की हम अपना मरद के लाश से टीपा लेने नही देंगे, तब छोड़ा हम बोले की ये मारा हुआ आदमी से कौन ठेपा लेगा |

      इस घटना के बाद पुलिस ने न कोई कार्यवाही की और न ही मामला दर्ज किया जिससे की कुछ हो पाता मेरा मरद का हत्यारा पुलिस आज भी नौकरी कर रहा है और खुले आम घूम रहा है ऐसा पुलिस तो गरीब के जान का दुश्मन है हम चाहते है की दोषी पुलिस वाला है उस पर केश हो और हमे न्याय दिया जाये |