मानवाधिकार जननिगरानी समिति (PVCHR), जनमित्र न्यास व सावित्री बा फूले महिला पंचायत सेंटर फॉर हार्मोनी एंड पीस रिसर्च, शांति सद्भावना मंच, ऑल इंडिया सेकुलर फोरम, सद्भावना संगम, विजन के संयुक्त तत्वाधान में “संघर्षरत यातना पीडितो” का सम्मान व शांति सदभाव पर चर्चा किया जाएगा और ईद मिलन समारोह का आयोजन किया गया |
कार्यक्रम की शुरुआत में सबने 2 मिनट का मौन रखकर अलीगढ़ में पिछले दिनों ढाई वर्षीय बच्ची के साथ अमानवीय कृत्य और उसकी निर्मम हत्या पर शोक व्यक्त किया |
कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुए संस्था के संयोजक डा0 लेनिन रघुवंशी ने बताया कि आज समाज में जिसके साथ भी अन्याय होता है वह एकदम हाशिये पर चला जाता है और उसे अपने घर, परिवार और समाज का भी समर्थन न मिलकर उसे दबाने का प्रयास किया जाता है वो भी जब उत्पीड़क पुलिस या राज्य हो | ऐसे में हम ऐसे बहादुर पीडितो का सम्मान कर यह सन्देश समाज में देना चाहते है कि लड़ाई अगर संवैधानिक तरीके से लगातार लड़ी जाय तो न्याय अवश्य मिलता है | जिसका उदाहरण आज यहाँ इस कार्यक्रम में उपस्थित ये पीड़ित है |जिन्होंने अनेको चुनौतियों के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी और लगातार कानूनी प्रक्रिया के तहत संघर्ष कर अपने आप में एक उदहारण प्रस्तुत किया है | ऐसे ही अन्य पीडितो को पूर्व में भी सम्मानित किया जा चूका है जिससे उनके अन्दर एक आत्म विश्वाश बढ़ा है और आज वो एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपने समाज व पीडितो को न्याय दिलाने के संघर्षो में मदद कर रहे है |
इस कार्यक्रम में उपस्थित वक्ता के रूप में सुप्रसिद्ध समाज सेवी – मौलाना हारून रशीद, डा0 मोहम्मद आरिफ, जागृति राही, अनूप श्रमिक, इदरीश अंसारी व श्रुति नागवंशी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज इस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर हमें बहुत अच्छा लगा की वर्तमान परिस्थिति में यह सम्मान ऐसे पीडितो को दिया जा रहा है जो लगातार अपने परिवेश और संघर्षो के बावजूद न्याय के लिए लगातार संघर्ष करते रहे है | इसके साथ ही यह भी एक बहुत बड़ी बात है कि अपने जैसे पीडितो के लिए ये एक आदर्श उदहारण भी प्रस्तुत कर रहे है |
यह बहुत महत्वपूर्ण है कि ऐसे लोग इतनी यातना और संघर्ष के बाद भी भारत के संविधान और न्याय व्यवस्था में अपना विश्वास रखते है | जबकि भारत में आज ऐसा माहौल बना है की व्यक्ति संवैधानिक तरीके से अपनी बात रखता है तो कुछ फासीवादी ताकते उनके ऊपर हमला कर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास करते है |
पुलिस यातना के पीडितो को मनो – सामाजिक सम्बल प्रदान करने के लिए उनकी स्व-व्यथा कथा को पढ़ा गया और उनके संघर्षो के लिए उनका हौसला अफजाई के लिए उन्हें सम्मानित किया गया |
सम्मानित होने के उपरांत वाराणसी से आये पीड़ित सितारा बानो, रितेश यादव, रेहाना बानो, अब्दुल मन्नान, मीरा देवी, महेंद्र मुसहर, कमरजहाँ, मोहम्मद हमीद, गुलाबी, अशोक कुमार पटेल, विनोद राजभर और महेंद्र, जौनपुर से आये पीड़ित रेनू, नगीना और जितेन्द्र कुमार और चंदौली से आई पीडिता जीरा देवी ने भी अपने ऊपर हुए अन्याय को लोगो के समक्ष साझा किया और यह भी बताया कि इस पीड़ा से निकालने के लिए हमें पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर कितना संघर्ष करना पड़ा | साथ ही यह भी बताया कि न्याय मिलने के बाद एक आत्म संतुष्टि और आत्म विश्वाश जो हमें प्राप्त हुआ उसने पिछले किये गए संघर्षो को एक सुखद क्षण में परिवर्तित कर दिया और यह भी विस्वास बढ़ा की न्याय पाने के प्रक्रिया लम्बी तो हो सकती है लेकिन जीत हमेशा न्याय की ही होती है | आज इस कार्यक्रम के द्वारा जो हमें सम्मान प्राप्त हुआ है वो हमारे इरादों को और मजबूती प्रदान करेगा जिससे आगे हमें संघर्ष करने की हिम्मत देता रहेगा | साथ ही हम अन्य पीडितो के संघर्षो की लड़ाई में अपना सहयोग देते रहेंगे |
इसके साथ ही कार्यक्रम के अंत में लोगो ने एक दुसरे को सेवई खिलाकर और गले लगाकर ईद की शुभकामनाये दी और काशी की पुरातन साझा संस्कृति और गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की |
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