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दिनांक 08 नवम्बर, 2011 को बड़ागाँव ब्लाक के अनेई मुसहर बस्ती में मानवाधिकार जननिगरानी समिति, वाराणसी व रिहैबिलिटेशन एण्ड रिसर्च सेन्टर फाॅर टार्चर विक्ट्मिस, डेनमार्क के तत्वाधान में यातना व संगठित हिंसा से संघर्षरत पीडि़तों को सम्मानित करने के लिए सम्मान-समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से महिला उत्पीड़न की शिकार हुई, 1. शर्मिला, निवासनी-बड़ी पियरी, वाराणसी, जो अपने दबंग पड़ोसियों के द्वारा शिकार हुई तथा पुलिस प्रशासन द्वारा समझौता के लिए दबाव डाला जा रहा है और अभी तक दोषियों पर कार्यवाही नही की गई है। इसी कड़ी में 5 बंधुवा मजदूरों जो गोसाईपुर ईंट-भट्ठा से छुड़ाये गये थे, जिसमें नान्हू, सुर्दशन, सारनाथ, मुन्ना, सीताराम, राम अवतार मुसहर निवासीगण जिला-चंदौली, गाजीपुर व वाराणसी के है एवं पतिराज, निवासी-जंगमपुर, कपसेठी, बड़ागाँव के है, को सम्मानित स्व0 व्यथा-कथा, साल और फूल प्रदान कर सम्मानित किये गये।
इन मजदूरों को पूर्व में पूर्व एस0डी0एम0 (भोजूबीर), वाराणसी के द्वारा अपमानित कर आरोप भी लगाया था, बाद में जिलाधिकारी द्वारा जाॅच कराकर और बंधुवा मजदूरी मुक्त प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया और मालिक पर मुकदमा कायम हुआ।
आज के इस कार्यक्रम में अनेई गाँव की मुसहर समुदाय की संघर्ष की कहानी जिगर (कुपोषण का मामला था) की कहानी और रामदयाल मुसहर (सराय, पिण्डरा) ने अपनी सफल संघर्ष की कहानी लोगों के समक्ष रखे, जिससे पूरा समुदाय भावुक हो गये। वही इस कार्यक्रम में पिण्डरा के माॅडल 10 गाँवों से आये प्रतिनिधियों ने गायकी कार्यक्रम रखा, जो सामाजिक क्रांति, उत्पीड़न की गाथा थी। जिसमें छोटे लाल, राम दयाल, हूबराज, रघुनाथ इत्यादि रहे और स्थानीय अनेई मुसहर बस्ती के लोगों ने उनका साथ दिया। वही दिनेश कुमार अनल ने पुलिस यातना के शिकार संघर्षरत पीडि़त विनोद गुप्ता की स्व0 व्यथा-कथा को गायकी द्वारा समुदाय में प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम की अंतिम रूप में यातना और संगठित हिंसा, महिला उत्पीड़न, पुलिस उत्पीड़न, शिक्षा इत्यादि पर जोरदार नारा लगाते हुए अनेई बाजार तक पैदल मार्च निकाला गया। जिसकी अगुवाई मीना पटेल व छाया के द्वारा हुआ।
आज के कार्यक्रम में 12 आयु गाँवों से मुसहर, दलित और अनेक जिलों-गाजीपुर, सोनभद्र, चंदौली और वाराणसी, अम्बेडकर नगर के लगभग 350 लोग एकजुट होकर यातना मुक्त समाज स्थापित कर लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए जोर देते हुए आवाज बुलंद किये। वही डेनमार्क के रिहैबिलिटेशन एण्ड रिसर्च सेन्टर फाॅर टार्चर विक्ट्मिस ;त्ब्ज्द्धए डेनमार्क के एशिया मैनेजर मिस्टर ईरिक और मिस अने के साथ समिति के डा0 लेनिन, अजय, शबाना, चन्द्रशेखर, शिव प्रताप चैबे, मंगला राजभर, सत्य प्रकाश, मनोज, पिन्टू, द्विग्विजय के साथ बीसों मानव अधिकार के अगुवा व ग्राम प्रधान आदि उपस्थित रहे। गाॅगकला, अनेई व सम्मानित स्थानीय ग्रामीण के साथ, महिला सामाख्या के साधना सिंह उपस्थित रही। कार्यक्रम का संचालन अनूप श्रीवास्तव के द्वारा तथा सधन्यवाद ज्ञापन चन्द्रशेखर पटेल ने किया।
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