Friday, April 19, 2013

उत्तर-प्रदेश के अलीगढ़ जिले में पुलिस द्वारा महिलाओं और बच्चों के ऊपर लाठीचार्ज कर मानवाधिकार का उल्लघन करने पर कार्यवाही के सम्बन्ध में

सेवा में, 19 अप्रैल, 2013
अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग,
नई दिल्ली |

विषय : उत्तर-प्रदेश के अलीगढ़ जिले में पुलिस द्वारा महिलाओं और बच्चों
के ऊपर लाठीचार्ज कर मानवाधिकार का उल्लघन करने पर कार्यवाही के सम्बन्ध
में |

महोदय,
आपका ध्यान इस खबर की और आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि बन्नादेवी
थानाक्षेत्र के गाँव नगला कलार में भट्टी धुलाई मजदूर हरी सिंह अपने
परिवार के साथ रहता है | बुधवार को रात दलित हरी सिंह की चौथे नम्बर की छ
वर्षीय बेटी परिजनों के साथ घर के बाहर सो रही थी, रात लगभग डेढ़ बजे
परिजनों की आँख खुली तो उन लोगो ने देखा कि बच्ची अपने बिस्तर पर नहीं थी
| काफ़ी देर तक तलाश करने के बाद उसकी पुत्री का शव घर से कुछ दूर एक खाली
प्लाट पर मिला | ह्त्या की खबर सुनकर धीरे धीरे गाँव के लोग इकट्ठा होने
लगे | शव को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उस बच्ची के साथ ह्त्या के
पहले दुष्कर्म किया गया था | जिससे लोगो ने शव को रास्ते पर रखकर जाम लगा
दिया | पुलिस ने शव को जबरन अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज
दिया | साथ ही भीड़ को हटाने के लिए उन पर लाठीचार्ज कर दिया | जिसमे
पुलिस वालो ने न तो महिलाओं को छोड़ा और न ही बच्चों को ही | सभी को
दौड़ा-दौड़ा कर पीटा | यह भी तथ्य सामने आया है कि कुछ लोगो ने पुलिस के इस
व्यवहार से नाराज होकर पथराव भी किया | जिन्हें पुलिस ने पकड़ भी लिया है
| लेकिन अभी तक ह्त्या के उस दोषी का कोइ भी सुराक नहीं ढूढ़ सकी है |
पुलिस ने जो अमानवीय कृत्य किया है मीडिया में ये खबर प्राकाशित होने के
कारण उसके एवज में पुलिस कर्मी निलंबित भी किये | लेकिन इस घटना के
जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के निलम्बन मात्र से ही ऐसी घटनाओं पर रोक नहीं
लगाई जा सकती | पुलिस के इस तरह के अमानवीय घटनाओं के दिन प्रति दिन बढ़ने
से आम जनता पुलिस से डराने लगी है और क़ानून के इन रक्षको के प्रति
विश्वास भी खोता जा रहा है |
अतः आपसे निवेदन है कि कृपया इस मामले को संज्ञान में लेते हुए उपद्रव
करने वालो के खिलाफ और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकद्दमा पंजीकृत
किया जाय | साथ ही इस घटना में जांच के दौरान यह भी ध्यान रखा जाय कि
बिना पुख्ता सबूत के किसी भी निर्दोष के खिलाफ कोइ भी कार्यवाही करके
परेशान न किया जाय | साथ ही इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाय जिसमे
स्थानीय पुलिस को न शामिल किया जाय बल्कि अलग से जांच टीम गठित किया जाय
|

संलग्नक :
1. अखबार की खबर की छायाप्रति |
2. Link Aaj Tak Chanel
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भवदीया
श्रुती नागवंशी
ट्रस्टी
मानवाधिकार जननिगरानी समिती
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