वाराणसी. इटली से आए 32 लोगों की एक टीम ने पिंडरा ब्लाक के सराय गांव के
मुसहर बस्ती में अपनी पंचायत लगाई। बेरोजगारी और अशिक्षा की वजह से इस
बस्ती के लोग बंधुआ मजदूरी के चंगुल में दशकों से फंसे थे।
मानवाधिकार जन निगरानी समिति के अचूक प्रयासों की वजह से आज पूरा गांव इस
दलदल से बाहर आ चुका है। इन ग्रामीणों के संघर्ष कि दिलचस्प कहानी को सुनने
और जांबाज़ी को सलाम करने इटली से यह टीम यहां पहुंची।
ग्रामीण
राम दयाल ने बताया कि मानवाधिकार जननिगरानी ने 2004 में इस गांव में लोगों
को एकजुट करना शुरू किया, जब यहां पर लोग बंधुआ मजदूरी करते थे। यहां इन
लोगों के पास जीवन जीने के लिए कोई भी मूलभूत सुविधाए उपलब्ध नहीं थी। लोग
दबंगों से बहुत डरे और सहमे रहते थे।
इसके बाद बस्ती में
धीरे-धीर लोगों में जागरूकता बढ़ी और योजनाओं तक लोगों की पहुंच बढ़ी।
महासचिव डॉ लेलिन ने बताया कि ये विदेशी उन दलितों मुसहर जाति के लोगों से
प्रभावित हैं, जो कभी गुलाम हुआ करते थे। बंधुआ मजदूरी के गर्त में डूबे
हुए थे। आज की इस बदली हुई तस्वीर को देखने ही इटली से इतने सारे लोग यहां
आए हैं।
क्या कहा इटली से आई टीम ने
फादर बरनैडो
सर्वेलेरा ने बताया कि ग्रामीणों में गजब का आत्मविश्वास है। इन लोगों ने
जीवन की दिशा और दशा दोनों को बदला है। इटली से आए अन सभी लोगों ने इनके
संघर्ष की लड़ाई से बहुत कुछ सीखा है।
हम इसे इटली के लोगों को
बताएंगे कि कैसे संसाधन विहीन समुदाय ने संघर्ष से अपने जीवन को खुशहाल
बनाया है। फादर बरनैडो सर्वेलेरा ने कहा कि हर ईसाई और कैथोलिक उनके
अहिंसात्मक संघर्षों के साथ है।
आगे देखें इटली से आए इन लोगों ने कैसे जानी गांव वालों की दास्तां...
http://www.bhaskar.com/article/UP-VAR-father-bernardo-cervellera-team-panchayat-with-musahar-community-4489458-PHO.html